माइक्रो कंप्यूटर के जनक स्टीव जॉब्स- Steve Jobs : Father of Micro computer


दुनिया में आज एप्पल का बोल बाला हैं. जैसे ही हम एप्पल का नाम लेते हैं अनायास ही स्टीव जॉब्स का नाम याद आ जाता हैं. स्टीव जॉब्स एप्पल के को -फाउंडर जरूर थे, लेकिन एप्पल से निकल दिए गए थे. एक कॉलेज ड्राप आउट स्टीव जॉब्स कितने प्रतिभावान थे इसका पता इसी से चलता हैं की एप्पल जब उचाईयो को छूने लगी तो उनको किसी कारण बस निकल दिया गया. उसके बाद उन्होंने NeXT  को खड़ा किया . लेकिन एप्पल ने इसे इस लिए ख़रीदा की स्टीव दुबारा एप्पल में आ सके और उसको फिर से एक नया आयाम मिल सके. लेकिन स्टीव के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह हैं कि उनके सफलता के पीछे भारत का बहुत बड़ा हाथ हैं. आध्यत्मिक ख्यालो वाले स्टीव बौद्ध धर्म को मानते थे और अपने धर्म गुरु से मिलने के लिए भारत आये. भारत में उन्होंने लगातार सात महीने गुजारे. जिसके अंतर्गत दिल्ली , उत्तर प्रदेश और हिमांचल प्रदेश की यात्रा बस से किया. अपनी यात्रा पूरा करने के बाद जब वह अमेरिका लौट रहे थे तो उस समय भारतीय संस्कृति में ढल चुके थे. धोती पहनना और अपने बालो को छोटा रखना उनके आदतों में शामिल हो चूका था. उनके चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास झलक रहा था.

24 फ़रवरी 1955 में जन्मे स्टीव का नाम स्टीवन पॉल जॉब था. यह नाम उनको उनके दत्तक माता-पिता ने दिया था. क्योकि जन्म देने के बाद इनकी माँ अपने पास रखना नही चाहती थी, इसलिए उनको कैलिफोर्निया के पॉल जॉब्स और कालरा जॉब्स को गोद दे दिया. बचपन से होनहार और मेहनती स्टीव का परिवार मध्यम वर्ग का था लेकिन उनके शिक्षा में कोई कमी नही रखी. उनको ऑर्गेन के सबसे अच्छे रीड कॉलेज में दाखिल दिलाया . इस कॉलेज की फी को भरने के लिए अपने माता-पिता के साथ साथ स्टीव को भी जॉब करना पड़ता था. जीवन से संघर्ष करते हुए जॉब्स आगे बढ़े . उन्होंने 1972 में विडियो गेम की कंपनी अटारी में काम किया . वहाँ मन नही लगा. उसके बाद थोड़े से पैसे इकठ्ठा करके अपने दोस्त वोजनियाक के गैराज में कंप्यूटर बनाना सुरु किया. मात्रा 21 साल की उम्र में जॉब्स ने 'एप्पल वन' कंप्यूटर बना लिया था. आगे चल कर मात्रा 10 साल में एप्पल का कमाई 2 मिलियन तक पहुच गया था. आपको बता दे कि स्टीव ने एप्पल के अलावा पिक्सर एनीमेशन का भी स्थापना किया था.  1970 में माइक्रो कंप्यूटर के जनक कहे जाने वाले स्टीव जॉब्स द वाल्ट डिज्नी के डायरेक्टर भी रहे थे. आइंस्टाइन को अपना आदर्श मानने वाले स्टीव को ड्रग कि आदत भी लग गई थी. लेकिन थोड़े दिनों में ही इस आदत को छोड़ दिया. स्टीव को परफेक्शन का जूनून था. उनकी जुनूनियत ही थी कि उनका बनाया हुआ मैक ऑपरेटिंग सिस्टम सबके बीएस कि बात नही हैं. पर्सनल कंप्यूटर बनने वाली कंपनी ने स्मार्टफोन के समय में भी दुनिया पर अपनी पकड़ को मजबूती से बनाये रखा. iMac, iTunes, Apple Stores, iPod, iTunes Store iPhone, App Store और iPad जैसे प्रोडक्ट ने आज भी हाई क्लास सोसाइटी पर दबदबा बनाये रखा हैं. पर्सनल कंप्यूटर, एनिमेटेड मूवी, म्यूजिक, फ़ोन, टेबलेट कंप्यूटिंग और डिजिटल पब्लिशिंग जैसे व्यवसाय का चलते रहने का कारन उनके परफेक्ट जूनून था. पिक्सर एनीमेशन की एनीमेशन मूवी 'टॉय स्टोरी' सफल रही थी. वही 1997 में नेक्स्ट लिंक का  "Think diffrent" नाम से बने कंप्यूटर के प्रोडक्ट भी काफी सफल रहे.






स्टीव जॉब ने अपनी सफलता पाने के लिए जो कुछ किया वह काफी प्रेरक हैं. करियर के शुरुआत में एप्पल से निकलने के बाद निराश ना होकर फिर से एक नई शुरुआत की. शांति की खोज में भारत आये. सादा जीवन और उच्च विचार रखने वाले स्टीव जॉब्स का जीवन अनुशासित था. उन्होंने डिजाईन की एक अलग तरह से परिभाषित किया. उनके अनुसार किसी भी चीज का डिजाईन उसके काम को दर्शाता हैं. पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित जॉब्स ने मरते डैम तक काम करते रहे.  मौत को जिंदगी का अविष्कार बताने वाले 'उद्योग जगत का सबसे शक्तिशाली पुरुष' स्टीव जॉब्स ने 5 अक्टूबर 2011 को अपनी अंतिम सासे ली. उसके साथ ही कंप्यूटर कागत के एक युग का अंत हो गया. भले ही स्टीव जॉब्स इस दुनिया में नही हैं लेकिन उनके द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट उन्हें हमेशा जीवित रखेगा.





Keywords : Steve Jobs : Father of Micro computer, Steve Jobs,  Father of Micro computer, Steve Paul Jobs , Co- Founder of apple, Apple, the walt disney, the walt disney studios, Toy story

Comments