कोरोना महामारी और विश्व पर्यावरण दिवस - world environment day 2020

Biodiversity
भले ही यह साल कोरोना महामारी के कारण मनुष्य के लिए बुरे सपने में तब्दील हो गया हो, लेकिन पर्यावरण के लिए यह काफी अच्छा साबित हो रहा है. कई देशों में कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया. सड़कों पर वाहनों की आवाजाही, कारखानों का शोर सबकुछ बंद हो गया. जिसकी वजह से केवल वायु प्रदूषण में ही कमी नहीं आई, बल्कि दुर्लभ जीव-जंतु भी देखने को मिले. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रकृति के साथ रिश्ते की जिस डोर को मनुष्य ने अपनी कारगुजारी के चलते तोड़ दिया था, वह 2020 में फिर जुड़ती नजर आ रही है.


लोगों को पर्यावरणीय मूल्यों के प्रति जागरूक करने के लिए "विश्व पर्यावरण दिवस" 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है और हर साल इसकी एक नई थीम होती है. जिसके आधार पर सरकार, निगम, समुदाय, गैर-सरकारी संगठन और मशहूर हस्तियां लोगों को इसके प्रति जागरूक करती हैं. इस साल यानी 2020 की थीम है ‘सेलिब्रेट बायोडायवर्सिटी’, पिछले साल की थीम वायु प्रदूषण थी.

जैव-विविधता या बायोडायवर्सिटी का अर्थ पृथ्वी पर पाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतुओं से जोड़कर भी देखा जाता है. और  कोरोना संकट के चलते लगाये गए लॉकडाउन ने जैव-विविधता को एक नया जीवन दिया है, इसलिए पर्यावरण दिवस की थीम भी इसी पर आधारित है. हर साल एक अलग देश विश्व पर्यावरण दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की मेजबानी करता है. इससे मेजबान देश की पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में भी पता चलता है और उन्हें दूर करने के लिए सामूहिक प्रयासों किये जाते हैं. 2020 की मेजबानी जर्मनी के साथ मिलकर कोलंबिया कर रहा है.

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